सीपीएस ग्लोबल में हम अपने बच्चों से उम्मीद करते हैं कि “बच्चे भविष्य में एक सभ्य और सुसंस्कृत मानव के रूप में उभर कर आएँ” और मानव और मानवता के रक्षक बने | समाज में आदर्श प्रस्तुत करे। इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाने के लिए, “grade 6” के हिंदी छात्रों को एक गतिविधि में शामिल किया गया, जहाँ उन्हें समाज में मानवता का एक उदाहरण प्रस्तुत करना था, जिसे उन्होंने एक नाटिका के रूप में प्रस्तुत कर बताया कि –
मानवता का मूलाधार समानता, भाईचारे और सहनशीलता पर आधारित है। यह न केवल एक नैतिक आदर्श है, बल्कि एक आवश्यक सामाजिक मूल्य भी है। मानवता का उद्देश्य है कि सभी इंसान आपस में मिलजुल कर एक बेहतर समाज का निर्माण करें, जहाँ हर व्यक्ति की गरिमा और अधिकारों का सम्मान किया जाए।
“हम सब एक ही धरती के निवासी हैं” – इस सरल परंतु प्रभावशाली स्लोगन के माध्यम से हम यह समझ सकते हैं कि चाहे हमारी जाति, धर्म, या सांस्कृतिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो, हम सभी एक ही मानवता के हिस्से हैं। इस विचारधारा को अपनाकर हम नफरत और भेदभाव की दीवारों को तोड़ सकते हैं और एक ऐसा समाज बना सकते हैं जिसमें प्रेम, समझ और सहयोग की भावना हो।
मानवता के इस संदेश को फैलाने के लिए हमें अपने छोटे-छोटे कार्यों से शुरुआत करनी होगी – अपने आसपास के लोगों के साथ अच्छे व्यवहार से, दूसरों की मदद करने से, और समाज के प्रति जिम्मेदार होने से। यही एकमात्र तरीका है जिससे हम मानवता की सच्ची भावना को जीवित रख सकते हैं और एक समान और न्यायपूर्ण समाज का निर्माण कर सकते हैं।